ध्यान कैसे करें इसके लाभ और हानियां dhayan kya hai iske laabh or haniya


ध्यान कैसे करें

मेडिटेशन करने का फायदा तभी है, जब आप इसे सही तरीके से करें। यह आपको शारीरिक और मानसिक, दोनों तौर पर शांति और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करेगा। यहां हम आपको मेडिटेशन करने की सबसे सरल विधि से अवगत करा रहे हैं। बता दें कि मेडिटेशन करने की कई विधियां हैं, जिनको अलग- अलग तरह से किया जाता है। अगर आप किसी खास तरह का मेडिटेशन कर रहे हैं तो बेहतर रहेगा कि आप एक अनुभवी ट्रेनर से ट्रेनिंग लें।

आइए जानते हैं, ध्यान लगाने की सबसे आसान विधि के बारे में -

1- सुविधाजनक समय को चुने -

ध्यान वास्तव में विश्राम का समय है, इसलिये इसे अपनी सुविधा के अनुसार करें। ऐसा समय चुना चाहिए जब एकांत हो और आपको किसी प्रकार की जल्दी नहीं हो।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय जब प्रकृति दिन और रात में परिवर्तित होती है, यह समय ध्यान का अभ्यास करने लिये सबसे आदर्श है।

2- शांत स्थान चुने|-

सुविधाजनक समय के साथ सुविधाजनक स्थान को चुने जहां आप को कोई परेशान न कर सके। शांत और शांतिपूर्ण वातावरण ध्यान के अनुभव को और अधिक आनंदमय और विश्रामदायक बनाता है।

3- आराम से बैठें -

ध्यान के समय सुखद और स्थिर बैठना बहुत आवश्यक है। आप ध्यान करते समय सीधे बैठें और रीड की हड्डी सीधी रखे, अपने कंधे और गर्दन को विश्राम दे और पूरी प्रक्रिया के दौरान आँखे बंद ही रखें। ध्यान करते समय आप आराम से चौकड़ी मार कर (आलती-पालती) बैठ सकते हैं, पद्मासन में बैठने की आव्यशकता नही है।

4- पेट को खाली रखे -

भोजन से पहले समय ध्यान के लिए अच्छा होता है। भोजन के बाद में आप को नींद लग सकती है। जब आप को काफी भूख लगी हो तो ध्यान करने का अधिक प्रयास न करें। भूख की ऐंठन के कारण आपको इसे करने में कठिनाई होगी और हो सकता है कि पूरे वक्त आप सिर्फ खाने के बारे में सोचे। ऐसें में आप भोजन के दो घंटे उपरांत ध्यान कर सकते हैं।


5- इसे वार्मअप से शुरू करें-

ध्यान के पहले थोड़ी देर का वार्मअप या सूक्ष्म योग करने से आपके रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, शरीर की जड़ता और बैचेनी दूर होती है और शरीर में हल्कापन महसूस होता है। इससे आप स्थिरता के साथ अधिक समय बैठ सकते है।

6- कुछ लंबी गहरी सांसे लीजिये -

ध्यान के पहले गहरी सांस लेना और छोड़ना और नाड़ी शोधन प्राणायाम करना अच्छा होता है। इससे सांस की लय स्थिर हो जाती है और मन शांतिपूर्ण ध्यान अवस्था में चला जाता है।

7- अपने चेहरे पर सौम्य मुस्कान बना कर रखें -

अपने चेहरे पर सौम्य मुस्कान लाने से आप अपनेआप में फर्क महसूस करेंगे। एक निरंतर सौम्य मुस्कान से आप आराम औए शांति महसूस करेंगे और यह आपके ध्यान के अनुभव को बढ़ाता है।

8- अपनी आँखों को धीरे धीरे सौम्यता से खोले -

जैसे आप ध्यान के अंत में पहुंचे तो अपनी आँखों को खोलने में जल्दी न करें। आँखे खोलने पर मन बाहरी चीजों के तरफ भागने लगता है, इसलिए ध्यान के पश्च्यात आँखे धीरे धीरे खोले। अपने प्रति और वातावरण के प्रति सजग होने के लिये समय लें।


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2 Comments

  1. Hi brother i read well i have small doubt ..let me know about while i do meditation what should imagine in my mind.and also i want to know our soul is connected with our food ,and what is karma and how many types karma and what is the sabd dhun.tx plz reply

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    1. Brother, the first thing is not to do any work in doubt, because there is no doubt clear in it. While meditating, you should imagine that I am sitting in a calm environment. I know myself very well. Tell GOD that I should help people with the good qualities you have given me. Our mind is our soul and just as the soul that is eaten by thinking in the mind will be the same. NATURE karma happens, as nature will do, so will karma, so nature should keep ticking. Karma has no type, the more actions we do, they become so many types.

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