रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजे जारी कर दिए गए हैं और इसमें नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर रखा गया है.
0.25% की वृद्धि रिवर्स रेपो रेट में हो सकती है
BOB के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने रिवर्स रेपो दर में 0.25 फीसद की वृद्धि का अनुमान लगाया है और उन्होंने कहा, "बजट में वृद्धि को लेकर दिए गए आश्वासन और कच्चे तेल की कीमतों के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका को देखते हुए हम यह उम्मीद करते हैं कि रिजर्व बैंक रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत (25 आधार अंक) की वृद्धि करके सामान्यीकरण की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।’’ उन्होंने आगे यह भी कहा कि इस बार रेपो दर में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि, अगले वर्ष इसमें 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है।
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कोई उम्मीद नहीं रेपो रेट बढ़ने की
बैंकिंग की समूह अध्यक्ष शांति एकमबराम ने भी उम्मीद जताई कि केंद्रीय बैंक रिवर्स रेपो दर में 0.25 फीसद का बदलाव कर सकता है। उन्होंने कहा कि रेपो दर में वृद्धि किए जाने की उम्मीद अभी नहीं है। हालांकि, एमपीसी अपना रूख ‘उदार’ से बदलकर ‘तटस्थ’ कर सकती है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्या कहा
आरबीआई के गवर्नर दास ने कहा कि वैश्विक बाजारों में कोविड-19 महामारी के चलते बहुत सी चुनौतियां आई हैं और भारत के सामने भी बहुत से चैलेंज रहे हैं जिनका सामना करने में आरबीआई ने अहम भूमिका निभाने की कोशिश की है.
अब हम कोरोना से निपटने के लिए पहले से बेहतर स्थिति में हैं. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में आई प्राकृतिक आपदाओं के चलते भी राज्यों से आने वाले राजस्व पर असर पड़ा है. दास ने यह भी कहा कि देश में अभी भी निजी निवेश में तेजी लाने की जरूरत है
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