हाल ही में करोना महामारी के कारण पूरी दुनिया के अंदर एक डर सा बना हुआ है। इतना समय बीत जाने के बाद भी लोग खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे, उसका कारण यह है कि हमारे आसपास की जितनी भी लोग हैं हम उनको से विश्वास नहीं कर पाते कि वह स्वस्थ हैं जा नहीं।
भारत आज के समय में ऐसे दौर से गुजर रहा है जिसके बारे में यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि आज भारत एक ऐसे मोड पर आकर खड़ा हो गया है जहां उसके अर्थव्यवस्था बहुत नीचे जा चुकी है।
अन्य देशों की बारे में जाने तो स्विजरलैंड, अमेरिका, जापान, चीन, मलेशिया, रूस, नेपाल आदि देश अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से अच्छी करने में सफल रहे हैं।
भारत के अंदर आज बेरोजगारी इस पर पहुंच 48 प्रतिशत लोग अपनी नौकरी से हाथ बैठे हैं। जो नौजवान है पिछले 3 साल के अंदर अपनी पढ़ाई को कंप्लीट कर चूके है वह किसी जॉब में अप्लाई तो कर रहे हैं लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है ।
व्यापार बहुत कम हो चुका है। इसका असर मार्किट में देखने को मिल रहा है। सभी जरूरत की वस्तु हद से ज्यादा महंगी हो चुकी है। आम आदमी इसकी सह रहा है ।
स्कूल कॉलेज सभी बंद हो चुके हैं और बच्चों की पढ़ाई घर से ही ऑनलाइन तरीके से करवाई जा रही है लेकिन उसका भी एक साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है।
बच्चे सही ढंग से पढ़ाई को कर ही नहीं पा रहे क्योंकि जो भी टीचर अब ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं बच्चे सही ढंग से कंसेप्ट को नहीं समझ पा रही शायद जिस तरीके से कंसेप्ट को समझाना चाहिए उस तरह से नहीं बताया जा रहा।
जिन नौजवानों ने सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन किए थे अभी तक उन नौजवानों के आवेदन पत्र नहीं आए जा जिनके परीक्षाएं हुई हैं उनके अभी तक रिजल्ट ही नहीं आई और जा जो आवेदन किए गए हैं उनको टाल दिया गया है।
इस महामारी के चलते लोगों में बहुत निराशा आई है क्योंकि लगभग सबके हाथों से उनका कारोबार उनका रोजगार चला गया है। मंदी के इतने बुरे हाल हैं कि लोगों को बड़ी मुश्किल से अपना गुजारा कर पा रहे हैं।
करोना महामारी के चलते भारत ही नहीं अन्य देशों की अर्थव्यवस्था पर भी बहुत बड़ा प्रहार हुआ है। कुछ देश दो ऐसे हैं जिनको अपने आज पड़ोसी देशों से मदद तक लेनी पड़ी है हालांकि भारत में ऐसी परेशानी नहीं आई।
भारत देश ने अपनी समस्या को स्वयं हल किया और अन्य देशों को भी अपना सहयोग दिया। इस महामारी के दौर में भारत को फिर से कड़ी मेहनत करने की जरूरत पड़ेगी ।
इस महामारी से पहले भारत की अर्थव्यवस्था बहुत ही अच्छी चल रही थी किसी प्रकार का कोई भी संकट नहीं था प्रगति की ओर चलता यह देश दूसरों का मार्गदर्शक था। लेकिन अब भारत को आगे बढ़ने के लिए बेहतर योजनाओं का चलाना अति आवश्यक है जिनके माध्यम से भारत की धीमी गति तेज हो सके।
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box.